पिलीभीत एनकाउंटर: होटल से निकलने के बाद 30 घंटे आतंकी कहां रहे? किनसे संपर्क किया; कई सवाल अब भी अनसुलझे

पिलीभीत एनकाउंटर

26 दिसंबर 2024:

पिलीभीत के पूरनपुर में ठहरे खालिस्तानी आतंकवादी 21 दिसंबर की रात 9:40 बजे होटल से निकल गए थे। 30 घंटे बाद, 23 दिसंबर की सुबह, पंजाब पुलिस ने पिलीभीत पुलिस के साथ मुठभेड़ में तीनों को मार गिराया। आतंकी होटल में रातभर रुकने के बाद कहां गए, किनसे मिले, और उनकी अगली योजना क्या थी—ये सवाल अब भी जांच के दायरे में हैं।

होटल में रातभर ठहराव

आतंकी 20 दिसंबर की शाम करीब 8 बजे पूरनपुर के असम हाईवे स्थित होटल “हर जी” पहुंचे। उन्होंने फर्जी पहचान पत्र का उपयोग कर होटल में चेक-इन किया। 21 दिसंबर की रात 9:40 बजे वे होटल से निकल गए। इसके बाद 30 घंटे तक उनकी गतिविधियों का कोई ठोस पता नहीं चल पाया।

30 घंटे की अनसुलझी गुत्थी

आतंकी इन 30 घंटों के दौरान कहां गए? किससे मिले? और क्या किसी स्थानीय मददगार ने उनकी सहायता की? ये सवाल पुलिस और खुफिया एजेंसियों के सामने हैं। फुटेज में दिखे दो संदिग्ध युवकों को आतंकियों के मददगार माना जा रहा है। माना जा रहा है कि होटल में पहुंचने से पहले आतंकी अपने सामान को किसी अन्य स्थान पर छोड़ चुके थे।

मुठभेड़ और जांच

23 दिसंबर की सुबह 5:30 बजे, पंजाब पुलिस ने लोकेशन के आधार पर आतंकियों को ट्रेस किया। मुठभेड़ में तीनों आतंकी ढेर हो गए। एनआईए और एटीएस की टीमों ने क्षेत्र में जांच तेज कर दी है। होटल के सीसीटीवी फुटेज और आतंकियों की पहचान से जुड़े दस्तावेजों की गहन पड़ताल की जा रही है।

नेपाल भागने की थी योजना?

सूत्रों के अनुसार, आतंकियों की योजना नेपाल बॉर्डर पार कर भागने या फर्जी वीजा के सहारे किसी अन्य देश जाने की हो सकती थी। नेपाल बॉर्डर पर भी खुफिया एजेंसियां निगरानी कर रही हैं।

लखीमपुर में जांच

एनआईए और एटीएस की टीमों ने लखीमपुर जिले में भी जांच शुरू कर दी है। चर्चा है कि मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों में से एक की बुआ लखीमपुर में रहती है। यह भी संभावना है कि आतंकियों ने स्थानीय कनेक्शन का उपयोग कर अपनी योजना को अंजाम देने की कोशिश की हो।

स्थानीय मददगारों की तलाश

होटल के सीसीटीवी फुटेज में आतंकियों के साथ दिखे दो संदिग्ध युवकों की पहचान के प्रयास जारी हैं। पुलिस और खुफिया एजेंसियां प्रमुख मार्गों और अन्य स्थानों पर लगे सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल कर रही हैं।

जांच एजेंसियां स्थानीय मददगारों की पहचान और आतंकियों के नेपाल या अन्य देशों में भागने की साजिश के सभी पहलुओं पर काम कर रही हैं। एनआईए, एटीएस, और अन्य खुफिया एजेंसियां मामले को सुलझाने के लिए जुटी हुई हैं।

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