एचएमपीवी वायरस: सर्दियों में तेजी से फैलने वाला यह वायरस, इन लोगों को है अधिक खतरा – जानिए पूरी जानकारी

एचएमपीवी

7 जनवरी 2025:

देश में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के बढ़ते मामलों को लेकर पीजीआई ने लोगों से बचाव के मानकों का पालन करने की अपील की है।
पजीआई के डीन रिसर्च और इंटरनल मेडिसिन के हेड प्रोफेसर संजय जैन का कहना है कि यह श्वसन संबंधी वायरस है जो ठंड के मौसम में फैलता है। इसमें अक्सर इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण जैसे खांसी, बुखार और गले में खराश होते हैं। यह सभी आयु वर्ग को प्रभावित करता है, लेकिन विशेष रूप से छोटे बच्चों और बुजुर्गों में इस संक्रमण का खतरा अधिक रहता है।

उन्होंने लोगों से डरने के बजाय एहतियात बरतने की सलाह दी और बताया कि पीजीआई में इन्फ्लूएंजा जैसे मामलों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। हालांकि, बचाव के तौर पर उन्होंने लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहने, हाथ धोने और मास्क पहनने की सलाह दी है। उनका कहना है कि इस तरह के संक्रमण के प्रबंधन के लिए पीजीआई में सभी चिकित्सा सुविधाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।

क्या है एचएमपीवी? एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) इंसानों के श्वसन तंत्र पर प्रभाव डालने वाला वायरस है। इसे पहली बार 2001 में पहचान किया गया था, जब नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने इसका पता लगाया था। यह पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का वायरस है। अन्य श्वसन संबंधी वायरस की तरह, यह भी संक्रमित व्यक्तियों के खांसने और छींकने के दौरान फैलता है। कुछ अध्ययन में यह भी दावा किया गया है कि यह वायरस पिछले छह दशकों से दुनिया में मौजूद है।

एचएमपीवी का किस पर कितना असर?

  • यह वायरस मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है, लेकिन कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों और बुजुर्गों पर भी इसका असर देखा गया है। एचएमपीवी के कारण सर्दी, खांसी, बुखार और कफ जैसी समस्याएं हो सकती हैं। गंभीर मामलों में गले और श्वसन नली में जाम हो सकता है, जिससे व्यक्ति के मुंह से सीटी जैसी खरखराहट सुनाई दे सकती है।
  • गंभीर मामलों में यह वायरस ब्रोंकियोलाइटिस (फेफड़ों में ऑक्सीजन ले जाने वाली नलियों में सूजन) और निमोनिया (फेफड़ों में पानी भरना) जैसी स्थितियां पैदा कर सकता है, जिससे संक्रमित व्यक्तियों को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता हो सकती है।

एचएमपीवी और कोरोना वायरस में अंतर कोरोना वायरस संक्रमण और एचएमपीवी के लक्षण आम फ्लू से मिलते-जुलते हैं, जिससे दोनों के बीच अंतर पहचानना मुश्किल हो सकता है। जहां कोरोना वायरस महामारी पूरे साल फैलता है, वहीं एचएमपीवी मुख्यतः मौसमी संक्रमण माना जाता है, हालांकि कुछ स्थानों पर इसकी मौजूदगी पूरे वर्ष भी दर्ज की गई है।

क्या हो सकता है खतरा? इस वायरस के कारण ऊपरी और निचले दोनों श्वसन पथ में संक्रमण का खतरा हो सकता है। सामान्य मामलों में इस वायरस का असर तीन से पांच दिन तक रहता है।

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