Rajasthan: दुश्मनों को धराशायी करने आई स्वदेशी नाग Mk 2 मिसाइल, अचूक निशाने की खासियत जानें

स्वदेशीNAGमिसाइल

14 जनवरी 2025:

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने स्वदेशी नाग Mk 2 मिसाइल का सफल परीक्षण किया है, जो एक तीसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक मिसाइल है। यह परीक्षण 13 जनवरी को पोखरण फील्ड रेंज में हुआ। नाग Mk 2 मिसाइल ‘फायर-एंड-फॉरगेट’ तकनीक पर काम करती है, जिसका मतलब है कि एक बार निशाना लगाने के बाद मिसाइल खुद ही उसे तबाह कर देती है।

नाग Mk 2 की खासियत: रक्षा मंत्रालय ने बताया कि परीक्षण के दौरान मिसाइल प्रणालियों ने अधिकतम और न्यूनतम सीमा पर सभी लक्ष्यों को सटीक रूप से नष्ट कर दिया, जिससे इसकी लक्ष्य भेदन क्षमता की पुष्टि हुई। इसके अलावा, नाग Mk 2 के वाहक संस्करण का भी वास्तविक परिस्थितियों में परीक्षण किया गया, और अब पूरी हथियार प्रणाली भारतीय सेना में शामिल होने के लिए तैयार है।

लागत और विकास: नाग मिसाइल को डीआरडीओ ने 300 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया है। इसका पहला सफल परीक्षण 1990 में किया गया था। जुलाई 2019 में पोखरण फायरिंग रेंज में इसका परीक्षण किया गया था, और 2017, 2018, और 2019 में भी इसके विभिन्न ट्रायल किए गए, जिनमें हर बार नई तकनीक जोड़ी गई।

यह मिसाइल डीआरडीओ के एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) का हिस्सा है और यह दुश्मन के टैंकों के खिलाफ भारत की ताकत को कई गुना बढ़ाएगी, जिससे सेना को आधुनिक तकनीकों से लैस किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *