Shamli Encounter: तीन गोलियां लगने के बावजूद, सुनील ने बदमाशों का डटकर सामना किया; चारों को किया ढेर

शामली_मुठभेड़

23 जनवरी 2025:

शामली जिले में सोमवार रात एसटीएफ और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में बड़ा खुलासा हुआ है। बदमाशों में शामिल एक लाख के इनामी अरशद समेत चारों अपराधी एक ही कार में सवार थे। एसटीएफ को इन बदमाशों के शामली में लूटपाट की योजना की जानकारी मिलने पर चौसाना-गंगोह मार्ग पर उदपुर ईंट भट्ठे के पास उनकी घेराबंदी की गई।

घेराबंदी के दौरान बदमाशों ने कारबाइन, पिस्टल और तमंचे से गोलियां बरसा दीं। इस दौरान एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार (52) ने बदमाशों का डटकर सामना किया। मुठभेड़ के दौरान तीन गोलियां लगने के बावजूद इंस्पेक्टर सुनील ने अपनी एके-47 से जवाबी फायरिंग की। उनकी इस बहादुरी से एसटीएफ टीम ने चारों बदमाशों को ढेर कर दिया। गंभीर रूप से घायल सुनील कुमार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने मंगलवार को अंतिम सांस ली।

इंस्पेक्टर सुनील की बहादुरी और बदमाशों का अंत

एसटीएफ टीम के अनुसार, बदमाशों में सहारनपुर के गंगोह निवासी अरशद (मुकीम काला गैंग का शार्प शूटर), सोनीपत के रोहट गांव का मंजीत उर्फ बिल्ला, करनाल के मधुबन का सतीश और मनवीर शामिल थे। चारों बदमाश एक लाख के इनामी अरशद के नेतृत्व में बड़ी वारदात की तैयारी में थे।

मुठभेड़ के दौरान अरशद और उसके साथियों ने गोलियों की बौछार कर दी, लेकिन इंस्पेक्टर सुनील ने साहस नहीं छोड़ा। उनके सीने और लीवर में गोलियां लगने के बावजूद उन्होंने अपनी एके-47 से जवाबी कार्रवाई जारी रखी।

सुनील कुमार का अद्वितीय करियर

मसूरी गांव निवासी सुनील कुमार 1990 में यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। उन्होंने 1997 में मानेसर स्थित अकादमी से कमांडो प्रशिक्षण प्राप्त किया और 2009 में एसटीएफ से जुड़ गए। सुनील कुमार ने अपने 35 साल के करियर में कई दुर्दांत अपराधियों को पकड़ने और मुठभेड़ों में शामिल होकर साहसिक कारनामों को अंजाम दिया।

शामली में इंस्पेक्टर सुनील के योगदान

सुनील कुमार ने आईएसआई एजेंट कलीम की गिरफ्तारी और दुर्दांत अपराधी अनिल दुजाना को मार गिराने जैसे बड़े ऑपरेशन में प्रमुख भूमिका निभाई थी। इसके अलावा, उन्होंने 2024 में लोनी बॉर्डर पर पचास हजार के इनामी अपराधी राहुल और 2021 में इनामी अपराधी नवीन को गिरफ्तार किया था।

गांव में शोक की लहर

इंस्पेक्टर सुनील की शहादत की खबर सुनते ही उनके गांव मसूरी में शोक की लहर दौड़ गई। परिवार में उनकी मां, पत्नी मुनेश देवी, बेटा मंजीत और बेटी नेहा शामिल हैं। गांववाले सुनील को एक मिलनसार और साहसी व्यक्तित्व के रूप में याद कर रहे हैं।

नतीजा

मुठभेड़ में एसटीएफ ने चारों इनामी बदमाशों को मार गिराकर इलाके को बड़ी वारदात से बचा लिया, लेकिन इस ऑपरेशन में बहादुर इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। उनके साहस और सेवा को हमेशा याद किया जाएगा।

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