Ajmer Dargah: शिव मंदिर मामले में आज कोर्ट में सुनवाई, याचिकाकर्ता ने जताई खतरे की संभावना

अजमेर दरगाह

24 जनवरी 2025:

राजस्थान के अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे पर शुक्रवार को सिविल कोर्ट में सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता और हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने बताया कि इस मामले में कई प्रार्थना पत्र दाखिल किए गए हैं, जिन पर आज चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि अदालत में प्रतिवादी बनने के लिए दाखिल किए गए सभी प्रार्थना पत्रों को खारिज करने की मांग की जाएगी।

याचिकाकर्ता का तर्क

विष्णु गुप्ता का कहना है कि अजमेर दरगाह वर्शिप एक्ट (पूजा अधिनियम कानून) के दायरे में नहीं आती। उन्होंने तर्क दिया कि इस अधिनियम में मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर और गुरुद्वारा शामिल हैं, लेकिन दरगाह या कब्रिस्तान का उल्लेख नहीं है। उन्होंने यह भी दावा किया कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के वंशज होने के दावों के कोई ठोस साक्ष्य मौजूद नहीं हैं।

धमकी मिलने का दावा

गुप्ता ने आरोप लगाया कि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं। कोई उन्हें बम से उड़ाने की धमकी दे रहा है, तो कोई जान से मारने की। उन पर केस वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया है कि सुनवाई के दौरान केवल चुनिंदा लोगों को ही कोर्ट में प्रवेश की अनुमति दी जाए, ताकि सुरक्षा व्यवस्था बनी रहे।

दरगाह पर चादर भेजने का विरोध

ख्वाजा गरीब नवाज के सालाना उर्स में राजनेताओं द्वारा चादर भेजने पर गुप्ता ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय सहित सभी संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों से चादर भेजने की परंपरा को बंद करने की मांग की गई है। गुप्ता का कहना है कि 1947 से शुरू हुई इस परंपरा का अब कोई औचित्य नहीं है।

क्या है मामला?

हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने 23 सितंबर को अजमेर की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करते हुए सिविल कोर्ट में याचिका दायर की थी। 27 नवंबर को कोर्ट ने इस याचिका को सुनवाई योग्य माना और अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर, और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को नोटिस जारी किया।

इसके बाद, अंजुमन कमेटी, दरगाह दीवान, गुलाम दस्तगीर अजमेर, ए. इमरान (बैंगलोर), और राज जैन (होशियारपुर, पंजाब) ने अपने आप को पक्षकार बनाने की अर्जी लगाई। आज इन प्रार्थना पत्रों पर कोर्ट में सुनवाई होगी।

याचिका की संवेदनशीलता और दावों के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

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