UCC: 2010 के बाद हुई शादी का पंजीकरण अनिवार्य, नहीं कराने पर लगेगा जुर्माना, जानें पूरी प्रक्रिया

विवाह पंजीकरण

अगर आपका विवाह 26 मार्च 2010 के बाद हुआ है, तो उसका पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराना होगा। जो विवाह पहले ही पंजीकृत हो चुके हैं, उन्हें दोबारा पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होगी। कानून लागू होने के छह माह के भीतर पंजीकरण न कराने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं, पंजीकरण के दौरान गलत जानकारी देने पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।

पंजीकरण के लिए ये हैं प्रमुख नियम:

  • अगर विवाह करने वाले स्त्री या पुरुष में से कोई भी राज्य का निवासी है, तो पंजीकरण अनिवार्य होगा।
  • 26 मार्च 2010 (उत्तराखंड अनिवार्य विवाह पंजीकरण एक्ट) तक पंजीकृत न हुए विवाहों का UCC लागू होने के छह माह के भीतर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
  • जो दंपति पहले से पंजीकृत हैं, उन्हें कानून लागू होने के छह माह के भीतर सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में एक घोषणा पेश करनी होगी।
  • 2010 से पहले के दंपति यदि चाहें, तो अपना पंजीकरण करा सकते हैं, बशर्ते उनकी आयु का मानक पूरा होता हो और उनका कोई अन्य जीवनसाथी न हो।

पंजीकरण प्रक्रिया:

  • UCC लागू होने के बाद पति-पत्नी को एक फार्म भरना होगा और विवाह की तिथि से 60 दिन के भीतर इसे सब-रजिस्ट्रार के सामने प्रस्तुत करना होगा।
  • दोनों में से कम से कम एक व्यक्ति का राज्य में निवासी होना आवश्यक है।
  • 2010 से पहले के दंपतियों के लिए भी यही प्रक्रिया लागू होगी।

रजिस्ट्रार की नियुक्ति:

  • राज्य सरकार सचिव स्तर के अधिकारी को रजिस्ट्रार जनरल (महानिबंधक) नियुक्त करेगी।
  • उप-जिलाधिकारी स्तर के अधिकारियों को रजिस्ट्रार और क्षेत्रों के लिए सब-रजिस्ट्रार नियुक्त किया जाएगा।

विवाह के लिए आयु सीमा:

  • विवाह के लिए पुरुष की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और स्त्री की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।

जुर्माने का प्रावधान:

  1. पंजीकरण न कराने पर:
    • विवाह के बाद पंजीकरण नहीं कराने या जानबूझकर उपेक्षा करने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
  2. गलत जानकारी देने पर:
    • पंजीकरण में गलत जानकारी या कूटरचित दस्तावेज देने पर तीन माह की जेल, 25,000 रुपये का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।
  3. सब-रजिस्ट्रार की लापरवाही पर:
    • यदि सब-रजिस्ट्रार पंजीकरण प्रक्रिया में देरी करता है या 15 दिन के भीतर विवाह विच्छेद पर कार्रवाई नहीं करता, तो उस पर भी 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।

सब-रजिस्ट्रार ले सकते हैं स्वतः संज्ञान:

  • यदि किसी विवाह का पंजीकरण नहीं होता है, तो सब-रजिस्ट्रार स्वतः संज्ञान लेकर नोटिस जारी कर सकता है।
  • इस नोटिस का उत्तर 30 दिन के भीतर ज्ञापन के रूप में देना होगा।
  • ऐसा न करने पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।

क्या होगा पंजीकरण न होने पर?

पंजीकरण न कराने के बावजूद विवाह अविधिमान्य (अवैध) नहीं होगा। हालांकि, पंजीकरण न कराना कानूनी प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर सकता है।

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