Uttarakhand Earthquake: उत्तरकाशी में सुबह दो बार भूकंप के झटके, वरुणावत पर्वत से मलबा गिरा

भूकंप

24 जनवरी 2025:

उत्तरकाशी और आसपास के इलाकों में शुक्रवार सुबह भूकंप के दो झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में दहशत का माहौल बन गया। डर के कारण लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी तहसीलों से स्थिति की जानकारी जुटाई जा रही है।

पहला झटका सुबह करीब 7:42 बजे आया, जिसके कारण वरुणावत पर्वत के भूस्खलन क्षेत्र से मलबा और पत्थर गिरने लगे। इसके बाद दूसरा झटका सुबह 8:20 बजे महसूस किया गया।

भूकंप क्यों आता है?

पृथ्वी के अंदर सात प्रमुख टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, तो ऊर्जा के दबाव के कारण फॉल्ट लाइन बनती है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के किनारे मुड़ते हैं, और अधिक दबाव पड़ने पर टूटने लगती हैं। इसके परिणामस्वरूप भूगर्भीय ऊर्जा बाहर निकलती है, जिससे भूकंप आता है।

भूकंप के केंद्र और तीव्रता का मतलब

भूकंप का केंद्र (एपीसेंटर) वह स्थान होता है, जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल के कारण भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर कंपन सबसे ज्यादा महसूस होता है। कंपन की तीव्रता धीरे-धीरे कम होती जाती है, लेकिन अगर रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7 या इससे अधिक हो, तो इसका प्रभाव 40 किमी के दायरे में तेज हो सकता है। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय ऊर्जा किस दिशा में फैल रही है।

कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता?

भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल का उपयोग किया जाता है, जिसे “रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल” कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के स्तर पर मापा जाता है। इसकी तीव्रता भूकंप के केंद्र (एपीसेंटर) से धरती के भीतर से निकली ऊर्जा के आधार पर निर्धारित होती है। इसी से झटकों की भयावहता का अंदाजा लगाया जाता है।

सरकार और स्थानीय प्रशासन लोगों से सतर्क रहने और घबराने के बजाय सावधानी बरतने की अपील कर रहे हैं

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