कुंभ मेला स्पेशल ट्रेन पर पथराव: हरपालपुर स्टेशन पर घटना, झांसी से प्रयागराज जा रही थी ट्रेन

ट्रेन_पथराव

28 जनवरी 2025:

मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित हरपालपुर रेलवे स्टेशन पर मौनी अमावस्या के दौरान कुंभ मेला स्पेशल ट्रेन पर भीड़ ने पथराव कर दिया। यह घटना श्रद्धालुओं की भारी भीड़, अव्यवस्थित प्रबंधन, और गेट लॉक होने के कारण हुई। पथराव से ट्रेन के शीशे टूट गए, जिससे यात्रियों के बीच भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।

घटना का विवरण

कुंभ मेले के कारण प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई। झांसी से चलकर प्रयागराज की ओर जा रही स्पेशल ट्रेन जब रात करीब 2 बजे हरपालपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंची, तब ट्रेन के कोच के गेट अंदर बैठे यात्रियों द्वारा बंद रखे गए थे। प्लेटफार्म पर खड़ी भीड़ ने गेट खुलने का इंतजार किया, लेकिन गेट नहीं खुलने पर स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

अंदर बैठे यात्रियों ने ट्रेन के गेट लॉक कर रखे थे, ताकि प्लेटफॉर्म पर खड़ी भीड़ ट्रेन में जबरदस्ती प्रवेश न कर सके। यह स्थिति अधिक समय तक बनी रही, जिससे प्लेटफॉर्म पर मौजूद श्रद्धालु नाराज हो गए और उन्होंने ट्रेन पर पथराव शुरू कर दिया। पथराव से ट्रेन के कोच के शीशे टूट गए।

घटना के दौरान ट्रेन में सवार यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। कई यात्रियों ने खुद को बचाने के लिए ट्रेन के अंदर छिपने की कोशिश की। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग ट्रेन के शीशे तोड़ते हुए नजर आ रहे हैं।

पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया

हरपालपुर थाना प्रभारी पुष्पक शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि पथराव की घटना रात करीब 2 बजे की है। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। पुलिस ने समझाइश देकर ट्रेन को आगे रवाना किया। हालांकि, खजुराहो और छतरपुर जैसे अन्य स्टेशनों पर भी उपद्रव की खबरें सामने आईं।

रेलवे प्रशासन ने मौनी अमावस्या के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ का अनुमान लगाया था, लेकिन इस प्रकार की घटना ने रेलवे के प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

रेलवे मंडल का बयान

झांसी रेलवे मंडल के पीआरओ मनोज सिंह ने कहा, “प्रयागराज जाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ पहले से ही प्लेटफॉर्म पर मौजूद थी। भीड़ में मौजूद महिलाएं और पुरुष बार-बार गेट खोलने की मांग कर रहे थे। जब गेट नहीं खुले, तो भीड़ ने अपना आपा खो दिया और हंगामा करना शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने कोच पर पथराव किया, जिससे शीशे टूट गए। वायरल वीडियो में तोड़फोड़ करते हुए लोगों को देखा जा सकता है।”

भीड़ प्रबंधन पर उठे सवाल

इस घटना ने रेलवे और स्थानीय प्रशासन के प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। मौनी अमावस्या जैसे बड़े आयोजन के दौरान श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की गई थी।

घटनास्थल पर मौजूद यात्रियों ने बताया कि प्लेटफॉर्म पर सुरक्षाकर्मियों की संख्या काफी कम थी। गेट बंद होने और यात्रियों के बीच संवाद की कमी ने स्थिति को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया।

श्रद्धालुओं और यात्रियों में आक्रोश

घटना के बाद कई श्रद्धालुओं और यात्रियों ने रेलवे प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि कुंभ मेले जैसे बड़े आयोजन के दौरान रेलवे को अतिरिक्त कोच और सुरक्षा उपायों की व्यवस्था करनी चाहिए थी।

आगे की कार्रवाई

रेलवे प्रशासन और स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। घटना में शामिल उपद्रवियों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज और वायरल वीडियो का उपयोग किया जा रहा है। रेलवे ने यात्रियों से शांति बनाए रखने और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचने की अपील की है।

यह घटना बड़े धार्मिक आयोजनों के दौरान भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करती है। प्रशासन के लिए यह जरूरी है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर योजना और प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए।

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