महाकुंभ भगदड़: तट पर गिरे लोगों को कुचलते हुए आगे बढ़े श्रद्धालु, गूंजती रहीं चीखें; चश्मदीद ने सुनाई पूरी कहानी

महाकुंभ
30 जनवरी 2025:
प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मंगलवार रात एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इस भगदड़ में कई लोग कुचल गए, जिससे कई श्रद्धालुओं की मौत हो गई और सैकड़ों बुजुर्ग व महिलाएं घायल हो गए।

कैसे हुआ हादसा?

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, संगम तट पर भारी भीड़ थी, और सभी लोग स्नान के लिए तट की ओर बढ़ रहे थे। इस दौरान कई श्रद्धालु शुभ मुहूर्त के इंतजार में तट पर ही सो गए थे। रात करीब 1:30 बजे अचानक भीड़ का एक बड़ा रेला आया और तट पर लेटे हुए लोगों को कुचलता चला गया। सोए हुए श्रद्धालुओं को संभलने का मौका तक नहीं मिला।

प्रत्यक्षदर्शी की जुबानी अलीगढ़ से अपने चार दोस्तों के साथ पहुंचे हर्षित वार्ष्णेय ने बताया, “हम लोग रात 9 बजे संगम के तट पर थे। धीरे-धीरे भीड़ इतनी बढ़ गई कि खड़ा रहना मुश्किल हो गया। हमने एक नाववाले को 1100 रुपये देकर रात बिताने की अनुमति ले ली। नाव में पहले से ही कई लोग सवार थे। जैसे-जैसे रात बढ़ी, भीड़ का दबाव और बढ़ता गया।”

उन्होंने आगे बताया, “तट पर सो रहे लोगों को हटाने के लिए मेला प्रशासन की ओर से लगातार घोषणाएं हो रही थीं कि शाही स्नान के लिए अखाड़ों की सवारी आने वाली है। लेकिन अचानक रात 1:30 बजे अफरा-तफरी मच गई। हमने देखा कि भीड़ तट की ओर बढ़ रही थी और सोए हुए लोगों को रौंदती जा रही थी। हम नाव में थे और कुछ नहीं कर सकते थे।”

अलीगढ़ के श्रद्धालु सुरक्षित, परिजन रहे चिंतित हादसे की खबर फैलते ही प्रयागराज में मौजूद अलीगढ़ के श्रद्धालुओं के परिजन चिंतित हो गए। परिजन लगातार फोन कर अपनों का हालचाल जानने के लिए बेचैन रहे। अलीगढ़ के करीब 200 से अधिक श्रद्धालु अभी भी प्रयागराज में मौजूद हैं। इनमें से कई लोग डॉ. अन्नपूर्ण भारती और पूर्णानंद पुरी के कैंपों में रुके हुए हैं।

स्थिति सामान्य होने लगी प्रयागराज से लौटे श्रद्धालुओं ने बताया कि हादसे के बावजूद बुधवार को स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो गई। रेलवे रोड कोर्ट ऑफ वार्ड्स निवासी मनीष अग्रवाल ने बताया कि अब भीड़ धीरे-धीरे वापस लौट रही है और प्रशासन व्यवस्था को संभालने में जुटा हुआ है।

सरकारी जांच समिति गठित घटना की जांच के लिए सरकार ने एक तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। इसमें अलीगढ़ नगर निगम के पूर्व आयुक्त वीके सिंह, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी वीके गुप्ता और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति हर्ष कुमार शामिल हैं।

प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सावधानी बरतें और सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।

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