17 दिसंबर 2024:
देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है। मंगलवार की सुबह दिल्ली को प्रदूषण और हल्के कोहरे की दोहरी मार झेलनी पड़ी, जिससे दृश्यता भी प्रभावित हुई। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) आनंद विहार इलाके में सुबह 7 बजे 467 दर्ज किया गया, जबकि अधिकांश इलाकों में AQI 400 के पार पहुंच चुका है। इस स्थिति को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के चौथे चरण को लागू कर दिया गया है।
ग्रेप-4 लागू होते ही दिल्ली-एनसीआर के सभी इलाकों में 5वीं तक के स्कूल बंद कर दिए गए हैं। इसके अलावा, 10वीं और 12वीं को छोड़कर बाकी कक्षाएं हाइब्रिड मोड में संचालित की जाएंगी। सार्वजनिक और निजी निर्माण कार्यों समेत राजमार्ग और फ्लाईओवर पर विध्वंस गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। राजधानी में गैर-जरूरी सामान लाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर भी पाबंदी रहेगी।
बीते सोमवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 379 दर्ज किया गया था, लेकिन मंगलवार को प्रदूषण के स्तर में और इजाफा हुआ। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पहले ही ग्रेप-3 की पाबंदियां लागू की गई थीं, जिसके तहत दिल्ली की सीमाओं पर वाहनों की सख्त निगरानी शुरू कर दी गई थी। रविवार की तुलना में सोमवार को AQI में 84 अंकों की वृद्धि हुई, जो इस माह का सबसे अधिक स्तर है। जैसे ही वायु गुणवत्ता 400 के पार पहुंची, ग्रेप-4 के कड़े प्रतिबंध तुरंत लागू कर दिए गए। प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन की समस्या भी बढ़ गई है।
एनसीआर के विभिन्न इलाकों में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई है। दिल्ली के बाद ग्रेटर नोएडा का AQI सबसे अधिक 358 दर्ज किया गया। गाजियाबाद में यह 324, नोएडा में 323, गुरुग्राम में 291 और फरीदाबाद में 194 रहा। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार, अशोक विहार और वजीरपुर सहित 15 इलाकों में हवा बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई। वहीं, आया नगर और डीटीयू समेत 14 इलाकों की हवा खराब श्रेणी में रही।
प्रदूषण की गंभीर स्थिति के कारण दिल्ली में कई प्रतिबंध लागू किए गए हैं। सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ के कामों पर रोक लगा दी गई है। दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश पूरी तरह बंद रहेगा, केवल आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले ट्रक और सीएनजी, एलएनजी तथा इलेक्ट्रिक ट्रकों को छूट दी गई है। दिल्ली में पंजीकृत मध्यम और भारी डीजल मालवाहक वाहनों के संचालन पर भी प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा, सरकारी और निजी कार्यालयों के 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करने का निर्देश दिया गया है।
धुंध के कारण दृश्यता भी प्रभावित हुई है। पालम में दृश्यता घटकर 1,100 मीटर और सफदरजंग में 700 मीटर दर्ज की गई। डिसिजन सपोर्ट सिस्टम के अनुसार, वाहनों से निकलने वाले प्रदूषकों की हिस्सेदारी हवा में 18 प्रतिशत रही। राजधानी के प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए प्रदूषण फैलाने वाले ट्रक और वाणिज्यिक चार पहिया वाहनों पर प्रतिबंध लागू किया गया है।
दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का यह स्तर बेहद चिंताजनक है, जिसके कारण आमजन को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगले 24 घंटों में प्रदूषण की स्थिति में कुछ सुधार की उम्मीद है, लेकिन हालात पूरी तरह नियंत्रण में आने में समय लग सकता है।
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