तीन महीने में नए आपराधिक कानूनों को लागू करने पर जोर – अमित शाह

आपराधिक कानूनों

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर सख्त दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने दिल्ली में हरियाणा सरकार और राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एक विशेष बैठक में यह स्पष्ट किया कि मार्च 2025 तक इन तीनों कानूनों का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित किया जाए।

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तैयार किए गए ये नए आपराधिक कानून देश के नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने और न्याय प्रणाली को मजबूत बनाने के उद्देश्य से लाए गए हैं। इन कानूनों के तहत न्यायिक प्रक्रियाएं अधिक सुलभ और पारदर्शी होंगी, जिससे आम जनता का कानून व्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा।

बैठक के दौरान उन्होंने इन कानूनों को लागू करने में आ रही बाधाओं पर चर्चा की और इसके समाधान के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार करने को कहा। गृह मंत्री ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह हरियाणा में इन कानूनों को लागू करने के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित करे, ताकि पुलिस और न्यायिक अधिकारियों को नए प्रावधानों की पूरी जानकारी दी जा सके।

 

अपराध नियंत्रण के नए आयाम

नए आपराधिक कानूनों का मुख्य उद्देश्य अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करना और पीड़ितों को त्वरित न्याय प्रदान करना है। यह कदम न्यायिक प्रक्रियाओं में देरी को कम करेगा और पीड़ितों के अधिकारों को प्राथमिकता देगा। शाह ने कहा कि ये कानून न केवल अपराध नियंत्रण में सहायक होंगे, बल्कि सामाजिक सुधार का माध्यम भी बनेंगे।

 

हरियाणा सरकार पर खास जोर

शाह ने हरियाणा सरकार को निर्देशित किया कि वह कानूनों के कार्यान्वयन के लिए एक कार्य योजना बनाए और समय-समय पर इसकी प्रगति की समीक्षा करे। उन्होंने कहा कि इस योजना में पुलिस अधिकारियों, न्यायपालिका और प्रशासनिक अधिकारियों की सामूहिक भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए।

 

समाज के लिए सकारात्मक बदलाव

केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि नए कानूनों का उद्देश्य केवल सजा देना नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों से अनुरोध किया कि वे इन कानूनों की जानकारी आम जनता तक पहुंचाएं, ताकि लोग इनके महत्व को समझ सकें।

अमित शाह की इस पहल को देशभर में न्याय और प्रशासनिक व्यवस्था को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि हरियाणा सरकार इस चुनौती को किस प्रकार से पूरा करती है और इन कानूनों को लागू करने में अन्य राज्यों के लिए उदाहरण बनती है।

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