भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने गुरुवार को लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर गंभीर आरोप लगाए। दुबे ने अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के साथ उनके कथित संबंधों को लेकर सवाल उठाए। इन आरोपों को कांग्रेस ने झूठा और अपमानजनक करार देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इन्हें कार्यवाही से हटाने की मांग की है।
निशिकांत दुबे के आरोप
निशिकांत दुबे ने शून्यकाल के दौरान राहुल और सोनिया गांधी पर कई सवाल खड़े किए। उन्होंने आरोप लगाया कि:
- राजीव गांधी फाउंडेशन और सोरोस के बीच संबंध हैं, जो कश्मीर को अलग देश मानने वाले संगठनों से जुड़े हैं।
- राहुल गांधी के अमेरिका दौरे का खर्च ग्लोबल नॉलेज इनिशिएटिव और सैम पित्रोदा ने उठाया, जिनका कथित संबंध खालिस्तान समर्थकों और कश्मीर को तोड़ने वालों से है।
- राजीव गांधी फाउंडेशन को सबसे ज्यादा धन सोरोस ने दिया, जिसका इस्तेमाल कथित तौर पर ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में बदलने के लिए हुआ।
- कांग्रेस पार्टी के 300 लोगों को सोरोस ने स्टार्टअप के नाम पर धन दिया।
कांग्रेस का पलटवार
दुबे के आरोपों पर कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा। टैगोर ने दुबे की टिप्पणियों को झूठा और दुर्भावनापूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि ये आरोप विपक्ष के नेताओं की छवि खराब करने के उद्देश्य से लगाए गए हैं।
टैगोर ने लोकसभा के नियम 352 और 380 का हवाला देते हुए मांग की कि दुबे की टिप्पणियां लोकसभा की कार्यवाही से हटाई जाएं। उन्होंने लिखा, “इन आरोपों का कोई आधार नहीं है और ये विपक्ष के नेताओं के खिलाफ सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा हैं।”
लोकसभा अध्यक्ष से कार्रवाई की मांग
कांग्रेस ने दुबे की टिप्पणियों को कार्यवाही से हटाने के साथ-साथ इस मुद्दे पर कार्रवाई की मांग की है।
पिछला विवाद
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस नेतृत्व पर आरोप लगाए हों। इससे पहले भी संसद में दोनों दलों के बीच तीखी बहस हो चुकी है।
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