हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल के महत्वपूर्ण निर्णय: 13 पंचायतों को नगर पंचायत का दर्जा, खनन रक्षकों की नियुक्ति के लिए मापदंडों को मंजूरी, और अन्य फैसले
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक गुरुवार को राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जिनकी जानकारी मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने दी। मंत्रिमंडल ने पिछले दो वर्षों में विभिन्न नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने में प्रदेश के लोगों और कांग्रेस हाईकमान का आभार व्यक्त किया और कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं और सरकारी विभागों को सफलतापूर्वक आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों को राहत पैकेज
मंत्रिमंडल ने शिमला जिले के समेज व रामपुर, कुल्लू जिले के जाओं-बागीपुल, निरमंड और मंडी जिले के टिक्कम थालू-कोट सहित आपदा प्रभावित क्षेत्रों को विशेष राहत पैकेज देने का निर्णय लिया। इसके तहत पिछले वर्ष की तरह पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए घरों के लिए मुआवजा राशि को बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये से सात लाख रुपये किया जाएगा।
खनन रक्षकों की नियुक्ति और अन्य भर्ती
मंत्रिमंडल ने उद्योग विभाग में 80 खनन रक्षकों की नियुक्ति के लिए 20 से 30 वर्ष की आयु सीमा तय करने के मापदंड को मंजूरी दी। इसके अलावा, सैनिक कल्याण विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 26 पदों की भर्ती और शिक्षा विभाग में पंजाबी और उर्दू भाषा के अध्यापकों के रिक्त पदों को भरने की स्वीकृति भी दी गई। शिक्षा विभाग में अल्पकालिक रिक्तियों के कारण उत्पन्न होने वाले अंतराल को भरने के लिए अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति को भी मंजूरी दी गई।
जलविद्युत परियोजनाओं की पुनर्जीवन नीति
मंत्रिमंडल ने 25 मेगावाट तक की जलविद्युत परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने के लिए एक नीति बनाने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी। वर्तमान में प्रदेश में 700 से अधिक रुकी हुई जलविद्युत परियोजनाओं का आकलन किया जाएगा और उन्हें पुनर्जीवित किया जाएगा।
विभिन्न योजनाओं की मंजूरी
मंत्रिमंडल ने महर्षि वाल्मीकि कामगार आवास योजना 2024 को मंजूरी दी, जिसके तहत वाल्मीकि समुदाय के सफाई कर्मचारियों को 2.5 लाख रुपये से कम वार्षिक आय पर तीन लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना 2023 के तहत गृह निर्माण के लिए वित्तीय सहायता राशि को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये करने की स्वीकृति दी गई।
स्वास्थ्य संस्थानों में सुधार
सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों की दक्षता बढ़ाने के लिए, मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य सेवा निदेशालय और चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के बीच नर्सिंग, पैरामैडिकल, मिनिस्ट्रियल और गैर-मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों के सामान्य कैडर को विभाजित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी है। इन कर्मचारियों को अपने पसंदीदा कैडर का चयन करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा।
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