बैंक चोरी मामले में बड़ा खुलासा: 17 को लखनऊ आया गैंग, चार दिन की रेकी और कैमरे की लोकेशन की जानकारी

बैंक चोरी

24 दिसंबर 2024:

लखनऊ के चिनहट स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक में लॉकर काटकर करोड़ों रुपये के गहने और कीमती सामान चोरी करने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि बिहार का गिरोह 17 दिसंबर को लखनऊ पहुंच गया था और लगातार चार दिन तक बैंक और आसपास के इलाके की रेकी की थी। इस दौरान गिरोह ने बैंक में दाखिल होने के आसान रास्ते की पहचान की और सीसीटीवी कैमरों की लोकेशन का पता लगाया। चार दिन तक बारीकी से रेकी करने के बाद गिरोह ने तय किया कि शनिवार रात को वारदात को अंजाम दिया जाएगा।

शनिवार रात करीब 12 बजे गिरोह दो बाइकों से बैंक के पास पहुंचा। बाइकों को बैंक से कुछ दूरी पर खड़ा कर गिरोह खाली प्लॉट के रास्ते बैंक की दीवार में सेंध लगाकर अंदर घुस गया। चूंकि उन्हें कैमरों की लोकेशन का पता था, इसलिए उन्होंने अपनी पहचान छिपाने के लिए मुंह पर नकाब और हेलमेट पहन रखा था।

गिरोह ने बैंक के 42 लॉकर तोड़कर करोड़ों रुपये के गहने चुरा लिए। यह वारदात साढ़े तीन घंटे तक चलती रही, लेकिन किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। रविवार दोपहर जब बैंक के पास स्थित एक फर्नीचर दुकान के मालिक ने बैंक की दीवार में सेंध देखी, तो मामले का खुलासा हुआ। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सीसीटीवी फुटेज की जांच की और फॉरेंसिक और डॉग स्क्वायड टीम को बुलाया। चोरों की तलाश के लिए पुलिस और क्राइम ब्रांच की छह टीमें गठित की गई हैं। यह वारदात मटियारी पुलिस चौकी से महज 150 मीटर दूर हुई।

चोरों ने बैंक के अंदर सेंध लगाई थी, लेकिन बैंक की तिजोरी पूरी तरह सुरक्षित रही। पुलिस ने बताया कि चोर रात 12:30 बजे बैंक में घुसे और सुबह 4 बजे तक सामान लेकर भाग गए। हालांकि बैंक की तिजोरी में रखे 12 लाख रुपये पूरी तरह सुरक्षित मिले।

बैंक अधिकारियों ने दावा किया है कि सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई। उन्होंने कहा कि बैंक ने आरबीआई के सभी नियमों का पालन किया है। लॉकर में डबल लॉक होता है, एक चाबी बैंक के पास और दूसरी ग्राहक के पास होती है। बैंक की सुरक्षा की नियमित जांच की जाती है और हाल ही में हुए ऑडिट में इसे सुरक्षित माना गया था।

जिला अग्रणी प्रबंधक मनीष पाठक ने भी कहा कि रात में बैंकों के बाहर गार्डों की तैनाती का कोई नियम नहीं है। बैंक की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस और गश्ती दल पर होती है।

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