तमिलनाडु: राष्ट्रगान के अपमान पर राज्यपाल आरएन रवि का विरोध, सदन में भाषण देने से किया इनकार

तमिलनाडु

6 जनवरी 2025:

तमिलनाडु विधानसभा के 2025 के पहले सत्र की शुरुआत आज हुई, लेकिन यह सत्र विवादों में घिर गया। राज्यपाल आरएन रवि ने राष्ट्रगान के कथित अपमान को लेकर नाराजगी जताई और विधानसभा सत्र को संबोधित किए बिना सदन से चले गए।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विधानसभा सत्र की शुरुआत में राज्य गीत ‘तमिल थाई वजथु’ का गायन हुआ। राज्यपाल ने इसके बाद राष्ट्रगान के वादन की मांग की, लेकिन उनकी यह अपील मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और विधानसभा स्पीकर द्वारा खारिज कर दी गई। इसके बाद राज्यपाल ने कड़ी नाराजगी जताई और सत्र छोड़ दिया।

तमिलनाडु राजभवन ने इस विवाद पर बयान जारी करते हुए कहा कि, “भारत के संविधान और राष्ट्रगान का एक बार फिर तमिलनाडु विधानसभा में अपमान हुआ है। संविधान में पहला मौलिक कर्तव्य राष्ट्रगान का सम्मान करना है। सभी राज्य विधानसभाओं में सत्र की शुरुआत और समापन पर राष्ट्रगान का गायन अनिवार्य होता है। आज सदन में राज्यपाल के आने पर केवल तमिल थाई वजथु का ही गायन हुआ। राज्यपाल ने सदन को संविधान के प्रति सम्मान का ध्यान दिलाया और राष्ट्रगान के वादन की मांग की, लेकिन उनकी अपील को नकारा गया। यह गंभीर चिंता का विषय है। इस कारण राज्यपाल ने नाराजगी जताते हुए सदन छोड़ दिया।”

यह पहला मौका नहीं है जब विधानसभा सत्र में विवाद हुआ हो। पिछले दो वर्षों में राज्यपाल के संबोधन के दौरान कई बार विवाद उठ चुके हैं। पिछली बार राज्यपाल ने सरकार के बयान की कुछ लाइनें पढ़ने से मना कर दिया था, जिस पर विवाद हुआ था।

इस बार विधानसभा सत्र के दौरान अन्ना विश्वविद्यालय में एक छात्रा से दुष्कर्म का मामला भी गरमाया हुआ है। विपक्षी पार्टियां राज्य सरकार पर हमलावर हैं, और राज्यपाल की नाराजगी से हंगामा और बढ़ने की आशंका है।

राज्यपाल के सदन छोड़ने के बाद, सत्ताधारी डीएमके और कांग्रेस के नेताओं ने इसका विरोध किया। तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष के सेल्वापेरुन्थगई ने कहा, “राज्यपाल तमिलनाडु के लोगों और पुलिस के खिलाफ हैं। वह विधानसभा से कोई प्रस्ताव स्वीकार नहीं करते।”

राज्यपाल के जाने के तुरंत बाद, अन्ना विश्वविद्यालय की छात्रा के कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ एआईएडीएमके ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया। विधानसभा स्पीकर ने प्रदर्शनकारी विधायकों को बाहर निकालने के लिए मार्शलों को आदेश दिया। पीएमके और भाजपा ने भी अन्ना विश्वविद्यालय मुद्दे पर वॉकआउट किया।

यह घटनाक्रम तमिलनाडु विधानसभा सत्र में आगामी दिनों में और विवादों की संभावना को बढ़ा सकता है।