प्रोफेसर भर्ती नियम: यूजीसी नेट या पीएचडी वाले विषयों में बन सकेंगे शिक्षक; एनईपी के तहत संशोधन की तैयारी

प्रोफेसर भर्ती नियम

2 जनवरी 2025:

अब विश्वविद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए केवल वही उम्मीदवार पात्र होंगे जिनके पास संबंधित विषय में यूजीसी नेट या पीएचडी की डिग्री हो। पहले एक ही विषय में स्नातक (यूजी), परास्नातक (पीजी) और पीएचडी होना आवश्यक था। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत विश्वविद्यालयों में शिक्षक बनने की प्रक्रिया में लचीलापन लाया जा रहा है। इसका उद्देश्य उच्च शिक्षा में छात्रों को विभिन्न विषयों में अध्ययन करने के लिए प्रेरित करना है।

इसके अलावा, प्रमोशन के लिए अब शोधपत्र, स्टार्टअप, उद्यमिता, नवाचार, पेटेंट और उद्योग साझेदारी जैसी चीजों का मूल्यांकन किया जाएगा। साथ ही, असिस्टेंट प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पद पर प्रमोशन के लिए पीएचडी और फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम की ट्रेनिंग अनिवार्य होगी।

सूत्रों के अनुसार, वैश्विक स्तर पर रोजगार के अवसरों में लगातार बदलाव आ रहे हैं। अब केवल पारंपरिक डिग्री और किताबी ज्ञान से छात्रों को तैयार नहीं किया जा सकता है।

रेग्यूलेशन 2018 में संशोधन की तैयारी

इन बदलती जरूरतों और शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे परिवर्तनों को देखते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) अपने रेग्यूलेशन 2018 में संशोधन की तैयारी कर रहा है। इसे बदलकर अब यूजीसी रेग्यूलेशन 2024 लाया जाएगा। इससे यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षक बनने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आएगा।

असिस्टेंट प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर 12 साल में प्रमोशन तो होगा, लेकिन अब प्रमोशन की मूल्यांकन प्रक्रिया में बदलाव किया जाएगा। इसका उद्देश्य गुणवत्ता में सुधार, आम लोगों, समाज और विश्वविद्यालयों के हितों पर ध्यान केंद्रित करना है। इसके साथ ही विभिन्न विषयों में शोध को बढ़ावा देने और शिक्षकों को नए विचारों से दक्ष बनाने की कोशिश की जाएगी।

एक ही विषय में पढ़ाई की बंदिश समाप्त

अब तक विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षक बनने के लिए यूजी, पीजी और पीएचडी सभी एक ही विषय में होनी जरूरी थी। लेकिन एनईपी 2020 के तहत अब छात्रों को बहुविषयक पढ़ाई की आजादी दी जा रही है, ताकि उनका समग्र विकास हो सके। इसी के तहत शिक्षक बनने के नियमों में यह बदलाव किया जा रहा है।

क्षेत्र में महारत रखने वाले भी शिक्षक बन सकेंगे

जो स्नातक किसी क्षेत्र में महारत हासिल करते हैं, जैसे योग, नाटक, फाइन आर्ट्स आदि, वे भी उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षक बन सकते हैं। ऐसे उम्मीदवार सीधे असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन उनके पास राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार या सम्मान होना जरूरी है।