CDS रावत हेलीकॉप्टर क्रैश: संसदीय समिति की रिपोर्ट में मानवीय भूल को बताया कारण

सीडीएस बिपिन रावत हेलीकॉप्टर हादसा

20 दिसंबर 2024

तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर 2021 को एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और कई अन्य सशस्त्र बल कर्मियों ने अपनी जान गंवाई थी। तीन साल बाद एक संसदीय पैनल की रिपोर्ट में इस भीषण हादसे का कारण ‘मानवीय भूल’ (HE(A)) बताया गया है।

मानवीय भूल को ठहराया गया जिम्मेदार

रिपोर्ट के अनुसार, एमआई-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटना भारतीय वायुसेना की 33वीं बड़ी दुर्घटना थी। रक्षा मंत्रालय ने संसदीय समिति को जानकारी दी कि साल 2018 से लेकर पिछले छह वर्षों में वायुसेना में 34 दुर्घटनाओं की जांच की गई। इनमें से कई दुर्घटनाओं का कारण मानवीय भूल बताया गया है।

शीतकालीन सत्र में पेश की गई रिपोर्ट

मंगलवार को संसद में शीतकालीन सत्र के दौरान रक्षा संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट में भारतीय वायुसेना के विमान दुर्घटनाओं का विस्तृत ब्यौरा दिया गया। इसमें दुर्घटनाओं की संख्या, उनके कारण, विमान के प्रकार, तारीख और दुर्घटना का विवरण भी शामिल है।

रक्षा मंत्रालय का आश्वासन

रक्षा मंत्रालय ने समिति को आश्वस्त किया है कि वायुसेना प्रमुख की टिप्पणियों के आधार पर हादसों को रोकने के लिए सभी संभव उपाय किए गए हैं। अधिकांश सुझावों को लागू कर दिया गया है, जबकि कुछ पर अभी काम चल रहा है।

हादसे में 13 लोगों की मौत

8 दिसंबर 2021 को हुए इस हादसे में हेलीकॉप्टर में सवार 14 लोगों में से 13 की मौत हो गई थी। जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के साथ, कई अन्य अधिकारी और सशस्त्र बल कर्मी भी इस हादसे में मारे गए थे।

संसदीय रिपोर्ट में हादसे का कारण मानवीय भूल बताए जाने के बाद अब इसे रोकने के लिए गंभीर कदम उठाए जा रहे हैं। वायुसेना और रक्षा मंत्रालय ने इस दिशा में व्यापक सुधार और उपायों पर जोर दिया है।