9 जनवरी 2025:
सागर में आयकर विभाग (IT) ने भाजपा के दो बड़े नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की है। यह दोनों नेता भाजपा के पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर और पूर्व पार्षद राजेश केशरवानी हैं। तीन दिन की इस कार्रवाई में अब तक 150 करोड़ रुपये से ज्यादा की टैक्स चोरी पकड़ी गई है। इसके अलावा इन नेताओं के पास 200 करोड़ से अधिक की संपत्ति का पता चला है, जिसमें 19 किलो सोना, 144 करोड़ रुपये के नकद लेन-देन और सात बेनामी लग्जरी कारें शामिल हैं। यह मामला टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग, शराब, कंस्ट्रक्शन और बीड़ी के कारोबार से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। संभव है कि इस मामले में ईडी भी जांच शुरू करे।
जानकारी के अनुसार, आयकर विभाग की टीम ने रविवार सुबह सागर में छापेमारी की शुरुआत की। एक टीम ने पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के बंगले पर छापा मारा, जबकि दूसरी टीम ने पूर्व पार्षद राजेश केशरवानी और उनके सहयोगी राकेश छावड़ा के घर सर्चिंग शुरू की। इन दोनों नेताओं के ठिकानों पर आईटी की टीमें 50 से ज्यादा गाड़ियों के साथ पहुंची थीं। तीन दिन की जांच के बाद करोड़ों की संपत्ति और लेन-देन का पता चला है।
14 किलो सोना और 3.8 करोड़ नकद मिले
पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के बंगले से 14 किलो सोना और 3.8 करोड़ रुपये नकद मिले हैं। इसके अलावा उनके घर में तीन मगरमच्छ भी पाए गए, जिनका कोई हिसाब नहीं दिया जा सका। राठौर परिवार बीड़ी के बड़े कारोबारी के रूप में जाना जाता है और राजनीति में उनका दबदबा भी है। वे और राजेश केशरवानी कंस्ट्रक्शन के कारोबार में साझेदार हैं, जिस कारण आईटी की टीम उनके ठिकानों पर पहुंची थी।
140 करोड़ के लेन-देन की जानकारी मिली
आईटी टीम को पूर्व पार्षद राजेश केशरवानी के घर से 140 करोड़ रुपये से अधिक के नकद लेन-देन, 7 बेनामी लग्जरी कारें और लगभग 4.7 किलो सोना मिला है। केशरवानी के परिवार ने सोने और गहनों के दस्तावेज दिखाए, जिसके बाद सोना जब्त नहीं किया गया। इसके अलावा टीम ने केशरवानी के करीबी और एलआईसी एजेंट राकेश छावड़ा के यहां भी छापा मारा, हालांकि वहां से खास कुछ नहीं मिला। लेकिन, केशरवानी के घर से जो फॉर्च्यूनर कार मिली, वह राकेश छावड़ा के नाम पर खरीदी गई थी, इसलिए वे भी आईटी की जांच के दायरे में आ गए हैं। राठौर, केशरवानी और छावड़ा बिजनेस पार्टनर रहे हैं। केशरवानी परिवार के पास जो 7 लग्जरी कारें मिलीं, वे किसी और के नाम पर खरीदी गई थीं, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग, हवाला और कंस्ट्रक्शन के कारोबार से संपत्ति बनाने का अंदेशा है। अभी दस्तावेजों की जांच जारी है।
हरवंश का भाजपा जिलाध्यक्ष पद की दौड़ में था नाम
पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर का नाम भाजपा के सागर जिलाध्यक्ष पद के लिए सामने आ रहा था। वे पार्टी से जुड़ी लंबी राजनीतिक पृष्ठभूमि रखते हैं और पहले दो बार जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके पिता हरनाम सिंह राठौर उमा भारती सरकार में जेल मंत्री भी रह चुके हैं, जिससे उन्हें जिलाध्यक्ष बनाए जाने की पूरी संभावना थी।
कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने भाजपा पर साधा निशाना
भाजपा नेताओं के ठिकानों से करोड़ों की संपत्ति मिलने के बाद राजनीतिक हलकों में भी हलचल मच गई है। कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भाजपा पर जमकर निशाना साधते हुए लिखा कि “प्रदेश कर्ज में डूब रहा है, जबकि भाजपा के नेता दिन-ब-दिन अमीर हो रहे हैं। न खाऊं न खाने दूं का दावा करने वाली पार्टी के नेताओं के पास सागर में 14 किलो सोना और 3.80 करोड़ रुपये मिले हैं। इनकी संपत्ति और लेन-देन से साबित होता है कि भाजपा ने राजनीति को कमाई का कारोबार बना लिया है और जनता को जमकर लूट रहे हैं।”
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