Khel Ratna Awards: मनु के पिता ने साजिश की जताई आशंका, कहा- ‘अब फैसला देश के हाथों में’

खेल रत्न पुरस्कार

24 दिसंबर 2024:

पेरिस ओलंपिक में दो कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचने के बावजूद, देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न के लिए कथित तौर पर नामित नहीं होने वालीं शीर्ष पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर ने इस पुरस्कार का अंतिम निर्णय देश के लोगों पर छोड़ दिया है। विवाद तब शुरू हुआ जब राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों पर निर्णय लेने वाली समिति ने मनु के नाम की सिफारिश नहीं की और इसके बजाय भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह का नाम खेल रत्न पुरस्कार के लिए आगे बढ़ाया। अब इस मामले पर मनु के पिता राम किशन की प्रतिक्रिया सामने आई है।

उन्होंने कहा कि मनु जानती हैं कि वह पुरस्कार की हकदार हैं, लेकिन इसका फैसला उन्होंने देश पर छोड़ दिया है। राम किशन ने टेलीकॉम एशिया स्पोर्ट से कहा, “उन्हें लगता है कि वह इसके लायक हैं। लेकिन वह चाहती हैं कि देश इसका फैसला करे।”

खेल मंत्रालय ने कहा है कि 22 वर्षीय निशानेबाज ने खेल रत्न के लिए आवेदन नहीं किया था, लेकिन उनके परिवार का बयान इससे अलग है। राम किशन ने बताया, “वह पिछले चार साल से पद्म श्री जैसे विभिन्न पुरस्कारों के लिए आवेदन कर रही हैं, तो वह इस साल आवेदन क्यों नहीं करेंगी?”

राम किशन के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में मनु ने 49 नकद पुरस्कार आवेदन जमा किए थे, जिनकी वह हकदार थीं। हालांकि, सभी 49 आवेदनों को खारिज कर दिया गया था। उन्होंने कहा, “इतने शानदार प्रदर्शन के बावजूद अगर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न के लिए मनु का नाम नहीं सुझाया जाता तो फिर मुझे लगता है कि समिति में कुछ ठीक नहीं है या किसी आदेश का पालन किया जा रहा है। अगर हमें भारत को खेलों का केंद्र बनाना है तो ओलंपिक पदक विजेताओं और ओलंपियनों को सम्मान देना चाहिए और उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए, न कि उन्हें इस तरह के फैसलों से हतोत्साहित करना चाहिए।”

Khel Ratna Awards: 'Some orders are followed', Manu Bhaker father fears conspiracy on Khel Ratna controversy

मनु भाकर ने पेरिस में रचा इतिहास

मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक खेलों में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बनकर इतिहास रच दिया था। उन्होंने सरबजोत सिंह के साथ मिश्रित 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा में भी कांस्य पदक जीता। यह पहली बार था जब किसी भारतीय ने आज़ादी के बाद से एक ही ओलंपिक में दो पदक जीते।

मनु साल की शुरुआत में विवादों में आईं थीं

इस साल की शुरुआत में भाकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करके विवादों के घेरे में आ गई थीं। उन्होंने सवाल किया था कि क्या वह खेल रत्न पुरस्कार की हकदार हैं? इस पोस्ट ने विवादों को जन्म दिया था, और आलोचकों ने इसे अनुचित माना। बाद में भाकर को इसे हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा था। उस विवाद के बावजूद, अब खेल रत्न सम्मान के लिए उम्मीदवारों की सूची से उनका नाम गायब होने से उनके समर्थक नाराज हैं।

पेरिस में मनु ने आलोचकों का मुंह बंद किया

पेरिस में इस 22 वर्षीय निशानेबाज के प्रदर्शन ने वर्षों के दृढ़ संकल्प और मेहनत को परिभाषित किया था, खासकर 2020 टोक्यो ओलंपिक के दिल तोड़ने वाले अभियान के बाद। टोक्यो में पिस्टल की खराबी ने उनके अभियान को पटरी से उतार दिया था, और कई लोगों ने उनकी वापसी करने की क्षमता पर संदेह किया था। लेकिन भाकर ने पेरिस में शानदार वापसी करते हुए अपने आलोचकों को चुप करा दिया।

मनु की अन्य उपलब्धियां

मनु की उपलब्धियां ओलंपिक तक ही सीमित नहीं हैं। वह राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही उन्होंने उस खेल का रिकॉर्ड भी बनाया था। इसके अलावा, 2022 एशियाई खेलों में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था।