राजस्थान में 29 जनवरी को किसानों का गांव बंद आंदोलन, 45 हजार गांवों का मिलेगा समर्थन

किसान आंदोलन

20 जनवरी 2025:

किसान आंदोलन एक बार फिर से सक्रिय हो रहा है। किसान महापंचायत ने राजस्थान में 29 जनवरी को गांव बंद का ऐलान किया है। इसके तहत राज्य के 45,537 गांवों में यह आंदोलन प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा। रविवार को अलवर के हरसोली में किसान महापंचायत आयोजित हुई, जिसमें 21 जिलों के किसान एकजुट हुए।

गांव से बाहर नहीं जाएगा उत्पाद
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने बताया कि आंदोलन के दौरान गांव का उत्पाद गांव से बाहर नहीं जाएगा। यदि कोई व्यापारी गांव में आकर उत्पाद खरीदना चाहे, तो उस पर रोक नहीं होगी। हालांकि, आपातकालीन स्थिति में गांव बंद लागू नहीं होगा।

26 जिलों का समर्थन प्राप्त
रामपाल जाट ने बताया कि इस आंदोलन को 26 जिलों के किसानों का समर्थन मिल चुका है, और अन्य जिलों के किसानों से संपर्क जारी है। उन्होंने कहा कि “खेत को पानी-फसल को दाम” आंदोलन का प्रमुख नारा है। इसके तहत सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता और फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी कानून बनाने की मांग शामिल है।

शांति और अहिंसा पर आधारित आंदोलन
रामपाल जाट ने कहा कि यह आंदोलन पूरी तरह से स्वेच्छा पर आधारित होगा और इसमें सत्य, शांति एवं अहिंसा के सिद्धांतों का पालन होगा। इसका उद्देश्य किसानों के बीच प्रेम और सद्भावना को बढ़ावा देना है।

तीन चरणों में जन-जागरण अभियान
किसान महापंचायत के युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी ने बताया कि आंदोलन की सफलता के लिए तीन चरणों में जन-जागरण अभियान चलाया जा रहा है।

  • प्रथम चरण: भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, जालौर, सिरोही, पाली, ब्यावर, जयपुर, अलवर, खैरथल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़ और दौसा।
  • द्वितीय चरण: टोंक, बारां, झालावाड़, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, भरतपुर, डीग, सीकर, झुंझुनूं, चूरू, हनुमानगढ़, गंगानगर, अनूपगढ़, बीकानेर, नागौर और डीडवाना।
  • तृतीय चरण: धौलपुर, बालोतरा और सलूम्बर।

किसानों से जुड़ने के लिए लगातार संपर्क अभियान चल रहा है। इस आंदोलन का उद्देश्य किसानों के अधिकारों की रक्षा करना और उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाना है